एम० बी० पी० जी० कॉलेज हल्द्वानी में प्रो० प्रभा पन्त की तीन पुस्तकों का लोकार्पण

हल्द्वानी। एमबीपीजी कॉलेज में हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो.प्रभा पंत की तीन पुस्तकों “कुमांउनी साहित्य, सुगंधिका, कुमांउनी लोक कथाएं एवं लोक गाथाएं तथा सुनाई काथ का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. बीआर पंत तथा सहयोगी प्राध्यापकों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्राचार्य डॉ. बीआर पंत ने अपनी संस्कृति और भाषा के संरक्षण प्रयोग व संवर्धन पर बल देने के लिए लेखिका की सराहना की। पुस्तक की लेखिका प्रो. प्रभा पंत ने बताया कि विशेषतया ‘लोक कथाएं’ पुरानी पीढ़ी द्वारा नई पीढ़ी को लक्ष्य में रखकर संग्रह की गई हैं। डॉ. दीपा गोबाड़ी ने लेखक के लिए पुरुषार्थ चतुष्टय में ‘लेखन से बड़ा कोई पुरुषार्थ नहीं’ के बारे में बताया। डॉ. रेखा जोशी ने पुस्तक में संकलित कार्यों में सकारात्मक मर्मस्पर्शी चित्रण को मन को छूने व अपने भाषा बोली के प्रयोग पर बल देने की बात कही। डॉ. कैलाश कलोनी ने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति के पक्ष्यों का कलेवर प्रस्तुत किया। कुमाऊं के लोक गाथा का संक्षिप्त किंतु गहन अध्ययन ‘गागर में सागर भरने जैसा है’। डॉ. अमिता प्रकाश ने लेखिका को लोक साहित्य के क्षेत्र में एक बड़ा हस्ताक्षर बताया। साथ ही कथाओं में निहित वैज्ञानिक तथ्यों को समझने व अपनाने को कहा। डॉ. जोशी जोशी ने पुस्तक “पुर्खनैक सुजाई काथ” कथाओं का संक्षिप्त वाचन किया। इस अवसर पर हिंदी विभाग के समस्त प्राध्यापक सहित डॉ. कमला पंत, डॉ. अमिता जोशी, डॉ. अमित कुमार, डॉ. तनुजा मेलकानी, डॉ. महेश कुमार, डॉ. नीरज रूपाली, डॉ. अलका शर्मा, डॉ. रेखा मेहरा, डॉ. नवीन लोहनी तथा चीफ प्रॉक्टर डॉ. संजय सती, डॉ. टीसी पांडे, डॉ. गोविंद बोरा, डॉ. विमला सिंह, डॉ. देवयानी भट्ट, डॉ. चंद्रा, डॉ. आशा हरबोला, डॉ. मीनाक्षी राणा आदि मौजूद रहे। मंच का संचालन प्रो. प्रभा पंत व डॉ. लोहनी ने किया।