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About Department of Hindi

हिंदी विभाग: एक परिचय

हिंदी भाषा संप्रेषण का माध्यम होने के साथ ही हमारे राष्ट्र की पहचान भी है। वर्तमान में हिंदी केवल व्यवहार की नहीं, व्यवसाय और आजीविका की भाषा भी बन गयी है। हिंदी साहित्य हमें समाज और राष्ट्र के अतीत एवं वर्तमान के यथार्थ से परिचित कराता है; हमें भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ने के लिये अभिप्रेरित करता है; समाज का मार्गदर्षन करता है; तथा भावी राष्ट्र की संकल्पना को साकार करने के लिए जनसामान्य को जाग्रत भी करता है। निःसंदेह प्रत्येक भाषा-बोली और लिपि सम्मानीय हैं; किन्तु विष्वपटल पर हिंदी हिंदुस्तान की पहचान है। इतिहास साक्षी है कि हिंदी भाषा और हिंदी साहित्य ने संपूर्ण राष्ट्र को एकता के सूत्र में बाँधकर, माँ भारती को परतंत्रता को बेड़ियों से मुक्त किया था। 
 
आइये! हिंदी सीखें और सिखाएँ; हिंदी पढ़े और पढ़ाएँ; स्वयं बढ़े औरों को बढ़ाएँ।
 
हिंदी विभाग में स्नातक कक्षाओं का शुभारम्भ इस महाविद्यालय के स्थापना वर्ष, सन् 1960 के जुलाई माह में हुआ। 1982 में महाविद्यालय के राजकीयकरण के साथ ही स्नातकोत्तर कक्षाएँ भी प्रारम्भ हो गयीं। यद्यपि वर्तमान में हिंदी विभाग में (03 संबद्ध प्राध्यापिकाओं सहित) कुल 11 प्राध्यापक/प्राध्यापिकाएँ कार्यरत हैं, किन्तु स्वीकृत पदों की संख्या 08 है।
 
  • डॉ0 प्रभा पंत, प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष
  • डॉ0 अनिता जोषी, एसोसिएट प्रोफ़ेसर
  • डॉ0 चन्द्रा खत्री, प्रोफ़ेसर
  • डॉ0 दीपा गोबाड़ी, प्रोफ़ेसर
  • डॉ0 देवयानी भट्ट, प्रोफ़ेसर
  • डॉ0 आषा हर्बोला, असि0 प्रोफ़ेसर
  • डॉ0 जगदीष जोषी, असि0 प्रोफ़ेसर
  • डॉ0 जयश्री भंडारी, असि0 प्रोफ़ेसर
प्रकाषन: शताधिक शोधपत्र एवं पुस्तकें प्रकाषित।
प्रकाषित साहित्य पर शोधकार्य: 02 पीएच.डी. गतिमान, 03 शोधप्रबंधों में तथा 01 पुस्तक के अध्यायों में सम्मिलित; 08 शोधपत्र, 05 एम.फिल एवं लघुषोध।
प्रकाषित साहित्य का अनुवाद: संस्कृत, अंग्रेजी तथा नेपाली में अनुवाद।
सम्मान एवं पुरस्कार: राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा अनेक सम्मान-पुरस्कार।
मेधावी छात्र-छात्राएँ: 03 छात्राओं को स्वर्णपदक तथा 25 नेट, जे.आर.एफ./एस.आर.एफ 11, तथा 08 ने यू सेट की परीक्षाएँ उत्तीर्ण की हैं।
शोधरत विद्यार्थियों की संख्या: वर्तमान में कुल 28 शोधार्थियों का कार्य गतिमान हैं; जिनमें से 06 शोधार्थियों की मौखिकी प्रतीक्षित। 
पी-एच.डी.उपाधि प्राप्त शोधार्थी: कार्यरत प्राध्यापक/प्राध्यापिकाओं द्वारा निर्देषित 21 शोधार्थियों को उपाधि प्राप्त।
विभिन्न विभागों में कार्यरत (ज्ञात) पूर्व विद्यार्थी: आयोग द्वारा चयनित उच्चषिक्षा में 09 असि.प्रोफेसर; उच्चषिक्षा में नितांत अस्थाई 08;  माध्यमिक में 11 प्रवक्ता सहायक अध्यापक; प्राथमिक में 05 सहायक अध्यापक।