कार्यशाला में बच्चों ने जाना, प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए क्यों जरूरी है बाॅडी लैंग्वेज

एमबीपीजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के करियर काउंसलिंग, प्लेसमेंट सेल व महिंद्रा ग्रुप के सहयोग से 14 से 16 मार्च तक कौशल विकास पर आयोजित कार्यशाला का शनिवार को समापन हुआ।
समापन सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एनएस बनकोटी ने विद्यार्थियों को शारीरिक भाषा की महत्ता बताते हुए कहा कि कुर्सी पर बैठे हुए व्यक्ति की गरिमा उसके हाव-भाव व व्यक्तित्व पर निर्भर करती है। अतः बॉडी लैंग्वेज का उपयुक्त होना किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने भाषा में शब्दों के चयन, शब्दों के प्रस्तुतीकरण, आत्मविश्वास आदि सामाजिक कुशलताओं पर बल देते हुए कार्यशाला के अनुभवों से लाभान्वित होने की प्रेरणा दी। बीएड स्ववित्तपोषित के प्रतिभागी दिव्यांशु लोहनी ने बताया कि कार्यशाला में नवीन थपलियाल ने विभिन्न सत्रों के अंतर्गत उन्हें विभिन्न व्यवसायों के अनुरूप रेज्यूमे तैयार करने, रेज्यूमे की महत्ता, व्यावसायिक नैतिकता, प्रभावशाली संप्रेषण क्षमता, प्रभावशाली ईमेल तैयार करना, विभिन्न जनसंचार साधनों के माध्यम से प्रभाव संपर्क स्थापित करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। विभिन्न ऑडियो वीडियो प्रस्तुतीकरण के द्वारा सामूहिक चर्चा सत्र आयोजित किए गए।

तत्पश्चात राजकीय बीएड से प्रशिक्षणार्थी स्वाति परगाई ने कार्यशाला के संदर्भ में प्रतिपुष्टि प्रदान करते हुए बताया गया कि इस कार्यशाला के माध्यम से सभी प्रतिभागियों ने ए. बी. सी. डी. ऑफ कम्युनिकेशन के बारे में जाना। अपीरियंस, बॉडी लैंग्वेज, कंटेंट और डिलीवरी जैसे संप्रेषण के महत्वपूर्ण आयाम हैं। रेज्यूमे तैयार करते समय रखी जाने वाली सावधानी व ईमानदारी अभ्यर्थी के लिए कैसे और क्यों महत्वपूर्ण है,, इसके बारे में भी बताया गया। बढ़ा चढ़ाकर उपलब्धि प्रदर्शित करना अभ्यर्थी के लिए परेशानी का कारण बन जाता है। यह सब उन्हें कार्यशाला से ज्ञात हुआ। विभिन्न चर्चा सत्रों के माध्यम से एबीसीडी को परिपुष्ट किया गया।

डॉ. नवल किशोर लोहनी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. अनिता जोशी, डॉ. टी सी पांडे, डॉ. शुभ्रा पी. कांडपाल, डॉ. सविता भंडारी, डॉ. सोनी टम्टा, डॉ. रेणु रावत, डॉ. दिनेश जायसवाल, डॉ. अपरा गोयल, डॉ. प्रियंका सांगुडी, डॉ. ममता अधिकारी, डॉ. संगीता रानी, गौरवेंद्र आर्या के अलावा छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।